Advertisements डॉ. नूतन कुमारी की ग़ज़लें आदतन सच अगर बताओगे,मिस्ले आईना तोड़े जाओगे। होगे शाख़-ए-समर अगर तुम भीचोट पत्थर की ख़ूब खाओगे। ग़ौर इस बात पर करो थोड़ा,डूब कर ख़ुद किसे बचाओगे। कब तलक ख़ुश्क शाखे दिल आख़िर,आबे जज़्बात से पटाओगे। अक्स जब बन गया है दिल में तो,चाह कर भी कहाँ मिटाओगे। संग सारे … Continue reading आदतन सच अगर बताओगे
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