यायावरीः बिन्सर डायरी

Advertisements मंज़िल को ध्यान में रखकर की गई यात्राएं निहायत ही उबाऊ होती हैं. मकसद मंज़िल नहीं मंज़िल तक ले जाने वाला रास्ता, उस रास्ते को तय करती नज़र और आकार लेता नज़रिया है. यही किसी भी यात्रा का हासिल जमा है. नीलिमा पाण्डेय बंद मुट्ठी से वक़्त का रेत की तरह फिसलना यात्रा के … Continue reading यायावरीः बिन्सर डायरी