मुझे माफ करना रमेश उपाध्याय, मैं आपकी हत्या का मूकदर्शक बना रहा!
Advertisements सब मरते हैं, बुद्ध ने चुनौती दी थी कि कोई ऐसा घर दिखाओ जहां मौत न हुई हो. इस चुनौती को किसी ने आज तक स्वीकार नहीं किया है. लेकिन रमेश उपाध्याय अपनी मौत नहीं मरे हैं. उनकी हत्या हुई है. डॉ. रमेश उपाध्याय, महानतम जनवादी लेखकों में से एक, विचारक, हरदिल-अज़ीज उस्ताद, संपादक, … Continue reading मुझे माफ करना रमेश उपाध्याय, मैं आपकी हत्या का मूकदर्शक बना रहा!
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed