दिनेश श्रीनेत की तीन कविताएं

Advertisements अपरिचित हम एक-एक शब्द जोड़कर बनाते हैंछोटे-छोटे पुलजिस पर चलकर हमें एक-दूसरे के करीब आना होता हैहमारे पास अविश्वास करने के लिए कुछ खास नहीं होताऔर यकीन करने के लिए बहुत कुछ होता हैवो सब कुछ जो हम नहीं जानते हैंहमारे यकीन को रास्ता देता हैअसहज होते हैंथोड़ा संकोच करते हैंबात कहां से शुरू … Continue reading दिनेश श्रीनेत की तीन कविताएं