सिडनी में रहने वालीं साहित्यकार और शिक्षिका रेखा राजवंशी को इस साल का प्रतिष्ठित हिंदी विदेश प्रसार सम्मान से नवाजा गया है.
यूपी हिंदी संस्थान के सालाना पुरस्कारों की सूची में इस साल एक नाम ऑस्ट्रेलिया से भी है. सिडनी में रहने वालीं साहित्यकार रेखा राजवंशी को हिंदी विदेश प्रसार सम्मान दिया गया है.
ढाई लाख रुपये की राशि का यह पुरस्कार हर साल ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो विदेश में रहते हुए हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में योगदान देते हैं.
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अपने पुरस्कार के बारे में रेखा राजवंशी ने कहा, “मैं अभिभूत हूं. यह ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले हिंदीभाषियों का सम्मान है क्योंकि हम सब मिलकर कोशिश कर रहे हैं कि यहां हिंदी को एक विशेष स्थान और सम्मान मिले.”
कवि और कहानीकार रेखा राजवंशी Indian Literary and Art Society of Australia Inc.(ILASA) की संस्थापक-अध्यक्ष हैं. हरियाणा के रेवाड़ी में जन्मीं और उत्तर प्रदेश व दिल्ली में पली-बढ़ीं राजवंशी सिडनी में टीचर हैं. उन्होंने साइकॉलजी और शिक्षा शास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएशन किया है. वह हाई स्कूल में पढ़ाने के अलावा सप्ताहांत पर सिडनी यूनिवर्सिटी में प्रौढ़ शिक्षा के अंतर्गत हिंदी भी पढ़ाती हैं.
उनकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. इसी साल उनकी दो किताबें प्रकाशित हुई हैं. ‘कंगारुओं के देश में’ और ‘अनुभूति के गुलमोहर’ (काव्य संग्रह), मुट्ठीभर चांदनी (गजल संग्रह), छोटे-छोटे पंख (बाल कविताएं) और ‘ये गलियों के बच्चे’ (शोध ग्रंथ) आदि किताबें चर्चित रही हैं.