स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर शुरू हो चुका है. यह दूसरी बार होगा कि आजादी के बाद देश में किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किए जा रहे हैं. कोविड-19 के पूर्व के आयोजनों जैसा रंग तो शायद ही जम पाए लेकिन देश की आजादी के महोत्सव में शरीक होने के लिए ऑनलाइन कार्यक्रम भी प्रभावी सिद्ध हो रहे हैं.
इसी कड़ी में भारतीय स्वतंत्रता का प्रतिनिधि संगठन राष्ट्रीय आंदोलन फ़्रंट की ओर से 8 अगस्त की संध्या से 15 अगस्त की संध्या तक हर रोज भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की गाथा के अंतर्गत विभिन्न सांस्कृतिक और ऐतिहासिक व्याख्यान का ऑनलाइन आयोजन किया जा रहा है. यह फ्रंट द्वारा शुरू किये गए द्विवर्षीय अभियान का शुभारम्भ है. इसके उपरांत देश के विभिन्न हिस्सों में स्वाधीनता संग्राम की कहानी जन-जन को सुनाई जायेगी.
हालांकि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय फलक पर प्रस्तुत होना है, लेकिन जिले के तमाम सामाजिक लोग और संगठन से जुड़े विद्यार्थियों ने इसे सफल बनाने के लिए हर स्तर की तैयारी शुरू कर दी है. राष्ट्रीय आंदोलन फ़्रंट के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. सौरभ बाजपेयी ने बताया कि प्रस्तुत कार्यक्रम में मशहूर किस्सागो हिमांशु बाजपेयी भी अपनी प्रस्तुति देंगे.
8 अगस्त से शुरू हुए इस कार्यक्रम को लेकर उन्होंने बताया कि 8 अगस्त भारतीय स्वतंत्रता का एक महत्वपूर्ण दिन है. आज के ही दिन महात्मा गाँधी ने क्विट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत 1942 में की थी, जो हमारे स्वतंत्रता आंदोलन मे एक मील का पत्थर साबित हुआ. इसीलिए हम 8 अगस्त से 15 अगस्त तक विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों तक अपनी स्वतंत्रता की गाथा लेकर जा रहे हैं, जिसमें हमारा पहला कार्यक्रम आज शाम 5 से 6 बजे के बीच दास्तानगोई हिमांशु बाजपेयी द्वारा ‘गाँधी की अभय गाथा’ प्रस्तुत किया गया.
हिमांशु बाजपेयी देश के जाने-माने किस्सागो हैं और राष्ट्रीय आंदोलन फ्रंट के कार्यक्रमों की सीरीज की शुरुआत की. आयोजन की शुरुआत संगठन सदस्य जयवंती जी ने सीरीज की रूपरेखा रखते हुए की. इसके बाद दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी और गायक वेदांत भारद्वाज ने मंच संभाला. दास्तान को प्रस्तुत करते हुए हिमांशु बाजपेयी ने पंडित सुन्दरलाल और गांधीजी के बीच के शुरूआती संवादों को बेहतरीन तरीके से पेश किया.
साथ ही गांधीजी के बचपन की चोरी को घटना को पिता के सामने स्वीकारने में आए असमंजस व साँपों से डरने की उनकी कहानी भी रोचक अंदाज में सामने रखी. हिमांशु की किस्सागोई के बीच-बीच गायक वेदांत भारद्वाज ने गांधीजी के प्रिय भजनों को प्रस्तुत किया. यह पूरा आयोजन संगठन के फेसबुक पेज से प्रसारित किया गया. आज से शुरू किये गए आयोजनों की यह सीरीज पूरे सप्ताह चलेगी. कल यानी 9 अगस्त को प्रख्यात इतिहासकार प्रो. मृदुला मुखर्जी आजादी की महागाथा सुनाएंगी.
अटल तिवारी