NA ब्यूरो
सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इस संबंध में कई लोगों ने ट्वीट भी किए हैं।
विशाल लोचब नामक एक ट्वीटर यूजर ने 7 मार्च को अपने ट्वीट में लिखा, “ऑस्ट्रेलिया ने अतिवादी संगठनों RSS और VHP को बैन कर दिया है।”
एक अन्य ट्वीटर यूजर mgralagarsamy ने कहा, “RSS और VHP को बैन करने की ऑस्ट्रेलियाई समझदारी की हम प्रशंसा करते हैं।”
हालांकि यह बात सही नहीं है।
क्या है मामला?
संघ और वीएचपी पर ऑस्ट्रेलिया में प्रतिबंध की बात ऑस्ट्रेलिया के राज्य न्यू साउथ वेल्स की संसद में ग्रीन्स पार्टी के एक सांसद द्वारा पूछे गए सवाल के बाद शुरू हुई।
ग्रीन्स पार्टी के डेविड शूब्रिज ने सरकार से यह सवाल पूछा था कि अमेरिका की सीआईए जिस वीएचपी को आतंकवादी संगठन बताती है, उसकी बनाई किताबें राज्य के स्कूलों में कैसे पहुंच रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा था कि ऑस्ट्रेलिया में धार्मिक कट्टरवादी संगठनों को कोई स्थान नहीं मिलना चाहिए।
शूब्रिज का यह वीडियो सामने आने के बाद यह अफवाह फैल गई कि ऑस्ट्रेलिया में इन संगठनों को बैन कर दिया गया है।
इस बारे में ऑस्ट्रेलिया स्थित संगठन ह्यूमनिजम ग्रूप ने स्थिति स्पष्ट की है। अपने ट्विटर पर उन्होंने लिखा है, “आरएसएस-वीएचपी पर बैन की खबर अतिश्योक्ति है। भले ही उन पर सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में नहीं बल्कि भारत में भी प्रतिबंध लगना चाहिए। सांसद शूब्रिज ने संसद में इन अतिवादी संगठनों के बारे में चिंता जताई थी, जिसका अर्थ प्रतिबंध नहीं है।”