अजय त्रिपाठी ‘वाक़िफ़’ की नज़्म
Advertisements ब्रिटेन में रहने वाले कवि अजय त्रिपाठी ‘वाक़िफ’ की नज़्म ‘तमाशा चलता रहता है’… मैं अपने आप से डरने लगा हूंऔर अपने नाम से डरने लगा हूं मेरा ये नाम मुझ पर एक विज्ञापन लगाता हैना जाने क्यों मेरा ये आपको मज़हब बताता हैये नाम कुछ ख़तरों को पैदा कर रहा हैये इक रंजिश … Continue reading अजय त्रिपाठी ‘वाक़िफ़’ की नज़्म
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